कोई भी व्यक्ति यदि नेकी की राह पर हो,प्रबल इच्छा शक्ति, दृढ़ निश्चयी हो तो दुनियाँ की कोई भी ताक़त उसे कामयाब होने से नहीं रोक सकती ! ऐसे आत्म विश्वासी का साथ ईश्वर भी देते हैं । अदृश्य शक्तियाँ तो सदैव उनका साथ देने को तत्पर रहती हैं ।
आत्मा एक चेतन तत्त्व है,जो सारे ब्रह्मांड मे व्याप्त है,आज के वैज्ञानिक युग मे इसे एक अणु भी कहा जा सकता है “। यह विशिष्ट अणु अपने मे विचार, करम और संस्कारों को समाहित करता है और यही करमों की गठरी मृत्यु पश्चात दूसरे शरीर मे प्रवेश करती है । प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंसटीन ने भी सिद्ध कर दिया है कि पदार्थ न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है किसी अन्य रूप मे यह विद्यमान रहता है । ऐसा ही श्री कृष्ण भगवान ने गीता मे भी कहा है कि आत्मा मरता नही है केवल चोला बदलता है जैसे प्रकृति के अनेक रूप मानव,पशु , पक्षी,जीव जंतु,पेड़ पोधे इत्यादि !
हमारे समस्त दुखों का कारण हमारा अज्ञान है । मनुषय की पहचान उस के करमों से होती है । बहुजन सुखाय, बहुजन हिताय के सिद्धांत को लेकर जो भी आगे बढ़ता है वही सब के लिये कल्याण कारी है अज्ञानता वश हम यह नहीं समझ पाते कि हमारी भलाई किस मे है ! हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस मे हैं भाई भाई ! इसी भावना को लेकर हम आगे बढ़े गे तो देश उन्नति की ओर अग्रसर होगा । हमें अपने निजी स्वार्थों को त्याग देना चाहिये,इस मे सब की भलाई है ।
Happy Valentine’s Day ज्योत से ज्योत मिलाते चलो,प्रेम की गंगा बहाते चलो !
वासंत नव रात्रि और नव संवत्सर आरम्भ की पूर्व संध्या पर समस्त भारत वंशियों को अनेकों शुभ कामनायें ! नया साल हम सब के लिये कल्याण कारी और मंगल मय हो !
जीवन मे घटित घटना के फल स्वरूप मैने ३३ वर्ष की आयु में आत्म साक्षात्कारः कर लिया था । मुझे अपने पिछले कुछ जन्म याद हैं । संसार मे दुख कयों है ? मानव जीवन के सत्यों को जान कर ही जीवन को सुखी बनाया जा सकता है । “सत्यों की खोज मेरे जीवन का लक्ष्य “ऐसी ही धारणा को ध्यान मे रख कर मैने जन्म लिया ,इस के लिये मुझे कितनी ही कठिनाईयों का सामना क्यों न करना पड़े मै जान कर रहूँ गी और दुनियाँ को उस से अवगत कराऊं गी और हुआ भी ऐसा ही ! मेरे ट्वीट्स इस का प्रमाण हैं । मेरे जीवन का उद्देश्य समस्त संसार मे शांति स्थापित करना है,ईशवर के सत्य को जानना और धार्मिक उन्माद समाप्त करना ! मेरे इस पावन मिशन मे आप मेरा साथ दे ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें,शेयर करें ! गूगल मेरी वेब साइट को “गूगल गरांटस प्रो ” के तहत पब्लिसिटी दे रहा है वर्ल्ड वाईड ! मेरे विषय मे अधिक जानकारी मेरी वेब साइट www.ekonkarseries.org क्रमश
ईश्वर बहुत दया वान है ।जब भी आप कभी अत्यधिक विषम राह पर और संकट में होते है और आप उसे सच्चे मन से पुकारते है तो वो आप की सहायता के लिये कोई न कोई साधन अवश्य बनायेगा अथवा किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से उसे सम्मान पूर्वक सम्पन्न करवाये गा । यह मेरी आत्मा का दृढ़ विश्वास है । मैंने अपने जीवन काल में ऐसे कई अवसरों का सामना किया है ।
मेरा जन्म लाहौर शहर (अब पाकिस्तान ) मे १६.४.१९४०.को हुआ था ।देश विभाजन तो १५ अगस्त १९४७ को हो गया था लेकिन हम सब २१ अगस्त को आख़री भारतीय मिलीटरी ट्रक मे निकले ! रास्ते मे काफ़ी मार काट हो रही थी,प्रापरटी क्लेम के कुछ काग़ज़ात ले कर अमृतसर पहुँचे,वहाँ गुरुद्वारे मे कुछ दिन रुके और लंगर छका उस के बाद दिल्ली की ओर रुख़ किया यहाँ पर दफ़्तरी क्वार्टर मे रहे जहाँ तीसरी कक्षा तक शिक्षा पाई फिर राजिंदर नगर के सलवान स्कूल से दसवीं पास की । प्रेप से ले कर बी ए तक इंद्रप्रस्थ कालेज से डिग्री हासिल की । क्रमश !
बचपन से ही धार्मिक विचार और भक्ति रस से ओत प्रोत मै विवाह के प्रति उदासीन थी । लेकिन अभिभावक कब मानने वाले थे,उन्हें ने कहा “तुम्हें शादी करनी ही होगी वहाँ,जहाँ हम कहेंगे” मैने कहा यदि यह ज़रूरी ही है तो एस कृष्ण जी का नाम मैने लिया,मेरी आत्मा ने जैसा कहा है कि मेरे इस जन्म के पति वे ही हैं,उन से करवा दीजिये ! मैने सदैव अपनी आत्मा की आवाज़ सुनी है और निर्णय लिये हैं । मेरी माता जी,मै उन्हें और वो मुझे बहुत प्यार करतीथीं, उन्हें यह आभास था कि शायद विवाह बाद मैं सुखी नही रह पाऊँ गी,घोर विरोध किया ! अंत में कृष्ण जी के मित्र के घर पर मेरी ससुराल वालों के समक्ष हमारा विवाह सम्पन्न हुआ साधारण ढंग से ! इस शादी मे मेरे परिवार वालों की ओर से कोई शामिल नही हुआ ! क्रमश !
रशांत भूषण : श्री कृष्ण की टिप्पणी पर — आप ने ईश्वरीय सात्विक प्रेम को गंदगी की संज्ञा दे दी ! ऐसा वही कह सकता है जिस की बौद्धिक क्षमता निचले स्तर की हो । यह सत्य है “जा की रही भावना जैसी प्रभु मू रत देखी तिन तैसी !”
Atma is just like an Atom which exists in the cosmos.It has peculiar qualities It carries thoughts,actions and Sankara to next life after death.
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्म दिवस “राम नवमी”के शुभ अवसर पर समस्त भारत वासियों को शुभ कामनायें ! ईशवर करे आप सब उनके गुणों को ग्रहण करें
ललित कला मंदिर (संगीत विद्यालय कमलानगर )की स्थापना उन्होंनेही की थी । उन दिनों भारत -चीन युदध छिड़ा हुआथा,हमने नृत्य नाटिका “मिट्टी की गुड़िया ” जिस मे मुख्य भूमिका मेरी ही थी,प्रस्तुत कर तत्कालीन प्रधान मंत्री नेहरू जी को एकत्रित धन समर्पित किया ! यू पी एस सी से मेरा चुनाव आकाशवाणी मे हो गया था जहाँ मैने ६ वर्ष तक अपनी सेवायें दीं,इसी बीच मैने पुत्र नितिन को जन्म दिया,कुछ काल उपरांत मेरा ट्रांसफ़र राजकोट कर दिया गया जहाँ मेरा जाना न मुमकिन था अत: मुझे त्याग पत्र देना पड़ा ! क्रमश !
समाज सेवा मे हम दोनों की रुचि सदैव रही है । कृष्ण जी अपने भव्य व्यक्तित्व के धनी रहे है,ग़रीबी हटाओ नारे के तहत एक दिन वह डी एस आईडी सी के आफिस मे वहाँ के मुखिया से मिले और अपनी प्रपोज़ल दी कि कैसे वह इस मे योग दान दे सकते हैं ! झुग्गी झोंपड़ी की महिलाओ को बातिक पेंटिंग सिखा कर उन्हें इस योग्य बनाया जाये कि वे अपनी रोज़ी रोटी अर्जित कर सकें और हुआ भी ऐसा ही । इस एवज़ मे हमें दक्षिणी पुरी मे एक शेड आवंटित हो गया ,मैने स्वयं यह कला सीख कर उन सब महिलाओं को सिखाया । कृष्ण जी डिज़ाइनिंग करते थे और मै बाक़ी सारा काम देखती थी ! सरकार ने ७५ रुपये माह वार प्रति महिला ख़र्चे के लिये देने को कहा था लेकिन दिया नही ! इस प्रकार सारा बोझ हम पर आ गया ! क्रमश !
ग्रीन पार्क के प्रापरटी डीलर महेंद्र जैन के यहाँ हम किरायेदार हुआ करते थे । एक दिन वह कृष्ण जी को पलौट दिलवाने,बोली लगवाने के लिये ले गये वह बोले मेरे पास तो पैसे हैं नहीं,महेंद्र जी बोले चिंता मत करिये ! मै हूँ न ! ४५ हज़ार का पलौट हमारे नाम आया उस समय केवल २२हजार रुपये थे शेंष रक़म के लिये एक सप्ताह का समय मिला,इस डील को हम खोना नहीं चाहते थे,अत: एल जी श्री जगमोहन जी से जा कर मिले,अपना परिचय दिया और अधिक समय माँगा उन्हों ने तुरंत फ़ाईल मे निरदेश दिया कि जब तक यह अपनी सुविधा अनुसार रुपया जमा न करा दें,दबाव न डाला जाये ! इस के बाद हम ने एल आ ई सी से क़र्ज़ा लेकर भवन निर्माण करवाया और कुछ राशि विदेश मे अपनी कला कृतियाँ बेच कर हासिल की ! क्रमश !
Om, Allah and God are names of the purest Atma.These names are given by the different Saints.
Matter can neither be created nor be destroyed scientifically but changes its form.similarly body changes its form after death.
I was a sober and peace loving child in my early child hood.I loved nature.I had a religious bent of mind.I used to sing and dance before the image of Lord Krishna.Fully absorbed in my self,I could see God in Nature.I have always found my soul my teacher, my Guru.I have always listened;what my Atma has said!
I was a sober and peace loving child in my early child hood.I loved nature.I had a religious bent of mind.I used to sing and dance before the image of Lord Krishna.Fully absorbed in my self,I could see God in Nature.I have always found my soul my teacher, my Guru.I have always listened;what my Atma has said!
महावीर जयंती के उपलक्ष्य मे सभी देशवासियों को हार्दिक शुभ कामनायें ! उन के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं !
उन प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा छोटी पेंटिंग बनवा कर हम काटेज इंडस्ट्रीज़ मे पूरे वर्ष चार सप्लाई दिया करते थे,बातिक का काम कुछ एक्सपोर्ट्स के लिये भी करते थे । कृष्ण जी की डिज़ाइन मीरा बाई तोशिबा कम्पनी द्वारा नव वर्ष बतौर गिफ़्ट ५ लाख पीस का आर्डर मिला लेकिन हस्त शिल्प होने के कारण हम केवल डेढ़ लाख की सप्लाई ही दे पाये ! समय बीतता गया,मैने अपने जीवन काल मे कोई भी बात अपने पति से नही छुपाई ! पिछले जन्म की यादें,सुप्त अवस्था में थी,एक दिन अचानक किसी को देखने के बाद,तरोताज़ा हो आई और शरीर मे रासायनिक परिवर्तन होने लगे जैसे मेरी कुंडलिनी जागृत हो गई हो जो विचार आये वह केवल पौराणिक दम्पति जैसे सीता राम कृष्ण रुक्मणी और शिव पार्वती के ही हो सकते हैं ! क्रमश !
सारी आप बीती उन के सामने बयॉ कर दी,जिस पर उन्हें बिलकुल भी विश्वासनही हुआ वे कहने लगे कि धर्म के प्रति कट्टर विचार धारा वाली स्त्री का यह केवल फ़ितूर है ! इस सच्चाई को जानने के लिये वह उन के घर पहुँचे और पूछा तो उन्हों ने परिस्थिति की गम्भीरता को देखते हुये नकार दिया । आकर बोले मैने कहा था कि यह तुम्हारा फ़ितूर है,मै चुप रही,सच्चाई बताना मेरा धर्म था जो मै निभा चुकी थी । इस बात को अधिक महत्व न देते हुये मै आगे बढ़ गई क्यों कि इसी मे सब की भलाई थी ! उस दिन से एक घंटा प्रति दिन ध्यान और संगीत साधना मेरी दिन चर्या बन चुकी थी ।कृष्ण जी ने पंडित कुंदन लाल भूत जी (मेरे गुरू)से मिलवाया वह केवल महीने मे एक या दो बार आया करते थे मुझे सिखाने के लिये ! क्रमश !
श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में समस्त देश वासियों को हार्दिक शुभ कामनायें पवन पुत्र हनुमान सभी का कल्याण करें !
मेरी फिलोसोफी आफ लाईफ़,भगवत गीता पर आधारित है । आत्मा क्या है ? मेरे शब्दों मे,”आत्मा एक चेतन तत्व है जो सारे ब्रह्मांड मे व्याप्त है । आधुनिक युग मे इसे अणु भी कहा जा सकता है यह अणु विशिष्टता लिये हुये है,यह अपने मे करम,विचार,भावनायें और संस्कार समेटे हुये रहता है और यही करमों की गठरी , मृत्यु पश्चात दूसरे शरीर मे प्रवेश करती है ” मैने अपनी कृतियों को उन कवियों, संतों की रचनाओं से चुना है जो आत्मा पर आधारित हैं । २० से २२ वर्ष की सतत साधना के उपरांत मैने अपनी पहली एल्बम “एक ओंकार सिरीज़ पार्ट १.” निकाली । यह गुरू नानक देव जी की गुरू वाणी पर आधारित है । इस की सारी कमपोजीशंस मेरे गुरू कुंदन लाल जी की देन हैं लेकिन भजनों का विस्तार मैने दिया है । क्रमश ।
बाबा साहेब डा० भीम राव अम्बेडकर जयंती के शुभ अवसर पर समस्त देशवासियों को अनेकों शुभ कामनायें ! धनय हैं हम जिन की बदौलत हमें सर्वोत्तम संविधान मिला !
मेरी दूसरी एल्बम सूरदास जी की महान कृति “सूर सागर “से ली गई है । इस मे सगुण और निर्गुण दोनों ब्रह्म का वर्णन है और नाम की महिमा का भी बखान किया गया है । निर्गुण ब्रह्म का विस्तार वेद स्तुति वर्णन से लिया गया है । साधारण मनुष्य भी निर्गुण ब्रह्म का चिंतन करके और नाम महिमा का स्मरण कर के अपने जीवन को सुधार सकता है,सुख और शांति पा सकता है ! इस के अतिरिक्त कुछ प्रकृति के रहस्यों को भी उजागर किया गया है । मानव जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक उन्नति ही नही वरन आध्यात्मिक पूर्णता पाना भी है । तभी वह पूर्ण मानव कहलाये गा ! इस एल्बम व मेरी अन्य दो एल्बम का संगीत मैने स्वयं बनाया है । क्रमश। !
I would like to thank all my friends who have their birthdays in the coming weeks.May God bless them.
श्री राम जन्म दिन के उपलक्ष्य में सैकड़ों शुभ कामनाये इस पावन पर्व पर उन की ओर से शुभ आशीर्वाद सब के लिये ।
I would like to thank all my oldest friends on Face book for remembering me on this day to make the friendship more strong.May God bless them all.
मेरी तीसरी एल्बम मे मैने गुरू नानक देव जी,सूरदास जी और मीरा बाई की रचनाओं को शामिल किया है ,जो कि विभिन्न रागों पर आधारित है और जीवन के किसी न किसी सत्य को उजागर करती हैं ! प्रेम,त्याग और ज्ञान का आपस का अटूट सम्बंध है ” Love is God and God is Love “प्रेम पूजा की पहली सीढ़ी है । जब तक किसी वस्तु से, प्राणी से और प्रकृति से आत्मीयता स्थापित न की जाये प्रेम की गहराई को नहीं समझा जा सकता ! प्रेम जब अपनी चरम सीमा को छूता है तो उस की परिणती भक्ति मे होती है ! संसार के समस्त रिश्ते झूठे हैं, क्योंकि वह बदलते रहते हैं । ईशवर के प्रति प्रेम ही शाश्वत है यह कभी किसी को निराश नहीं करता !